अद्यतन समाचार
न्यायालय के बारे में
न्यायिक संरचना की पहली उपस्थिति:
इस महान ऐतिहासिक शहर के मध्य में, जिला न्यायालय, बदायूँ स्थित है, जिसका 100 वर्षों से अधिक का गौरवशाली अतीत है।
वर्ष 1913 से पहले, जिला बदायूँ का नागरिक क्षेत्राधिकार शाहजहाँपुर जजशिप के अधीन था, जबकि जिला बदायूँ का आपराधिक क्षेत्राधिकार मुरादाबाद जजशिप के अधीन था।
19वीं सदी के प्रख्यात शिक्षाविद् एवं समाज सुधारक सर सैयद अहमद खान ने बदायूँ में सदर-ए-आला के पद पर भी कार्य किया।
वर्ष 1913 में, बदायूँ जजशिप की स्थापना की गई और बदायूँ, बिसौली, बिल्सी, दातागंज, गुन्नौर और सहसवान से संबंधित दीवानी और आपराधिक मामलों का कार्य बदायूँ जजशिप में किया गया। श्री एल. मार्शल, आई.सी.एस. को बदायूँ न्यायाधीश पद का प्रथम जिला न्यायाधीश घोषित किया गया।
औपचारिक संरचना का निर्माण:
वर्ष 1960 से पहले सहसवान मुंसिफ बदायूँ के अधीन था और बिसौली बदायूँ के अधीन था (अर्थात् बिसौली को बदायूँ में मुंसिफ बिसौली कहा जाता था)।
1 अप्रैल 1974 से पहले ए.डी.एम.जे. और जे.ओ.एस. की दोनों अदालतें बदायूँ में चल रही थीं।
वर्ष 1974 के बाद ए.डी.एम.जे. कोर्ट को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट और जे.ओ.एस. कोर्ट को न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में परिवर्तित कर दिया गया।
आज बदायूँ जजशिप और[...]
- नोटरी नोटिस
- इस माननीय न्यायालय के दिनांक 07.08.2024 के आदेश का अनुपालन 2024 के आपराधिक अवमानना आवेदन संख्या 12 में पुनः बनाम बार एसोसिएशन ऑफ प्रयागराज में पारित किया गया।
- बदायूँ के रिहाई आदेश के संबंध मे
- निविदा सूचना
- शिकायत निवारण समिति के कार्यवृत्त 05-06-2024
- दोषियों की समयपूर्व रिहाई के लिए मानक संचालन प्रक्रिया
- क्रिमिनल अपील 3589/2023
- क्रिमिनल मिस. बेल प्रार्थनापत्र सं. 53159/2021
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